मैं गाना अच्छा गा लेता हूँ। परन्तु मेरे शरीर का आकार इतना छोटा है कि मेरी आवाज़ आप तक पहुँच ही नहीं पाती। और जब मैं अपनी आवाज़ सुनाने आपके करीब आता हूँ तब आप मुझे दूर भगा देते हैं।
आपने कहानियों में सुना-पढ़ा होगा कि अगर कोई भूखा रोटी चुराता है, तो उसको चोर नहीं कहते। तो फिर मुझ से इतनी नफरत क्यों? इतनी कि मुझे देखते ही लोग मुझे जान से मार देना चाहते हैं - ज़हर दे कर, रौंद कर या पीट कर। आप ही बतायें कि अगर कोई आपके भण्डार से अनाज का 1 दाना ले ले, तो क्या उसका कत्ल कर देना न्याय है? क्या मेरा कुरूप होना इतना बड़ा अभिषाप है कि मुझे जीने का भी हक़ नहीं? किसी अदालत में मेरी कोई सुनवाई क्यों नहीं?
मैं सिर्फ 1 मच्छर ही तो हूँ, जनाब!!!
1 comment:
Nice one!
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